अल्लाह की तमाम नेमतों और दौलत ईमान है

 

फ़खरे आलम

नश्यामपुर. दहेज एक लानत है और ईमान वाला दहेज का लोभी नहीं हो सकता.  अल्लाह की तमाम नेमतों में सबसे बड़ी नेमत ईमान है.  मदरसा इस्लामिया पाली में आयोजित एक महत्वपूर्ण इजतेमा को संबोधित करते हुए काजीए शरीयत हजरत मौलाना कासिम मुजफ्फरपुरी ने उक्त बातें कही. उन्होंने कहा शादी, तलाक एवं सम्पत्ती में हिस्सेदारी का क़ानून कुरआन में प्रमुखता से है. किन्तु तालीम की कमी के कारण लोग उसपे ठीक से चलते नहीं हैं. इसलिये लड़का और लड़की के लिये समान रूप से दीनी व मजहबी तालीम जरूरी है . उन्होंने दहेज को बहुत बड़ी बुराई करार दिया. इस लालच से लड़के वाले तौबा करें. उन्होंने इस अवसर पर दहेज एवं शादी की अन्य कुरीतियों को मिटाने के लिये लोगों से जिम्मेदारी पूर्वक टीम भावना से काम करने को कहा.

कार्यक्रम के संयोजक प्रो.शमीम अहमद ने कहा दहेज की लानत, शिक्षा दर में गिरावट एवं अन्य कई विसंगतियों ने मुझे इसके लिए मजबूर किया. लोगों के मशविरा से इलाका के ओलेमाओं एवं प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों को इकठ्ठा करके दहेज के समाप्ति एवं अन्य कुरीतियों को मिटाने के लिये आह्वान किया है. आगे बढ़ने के लिये लड़का लड़की सभी को पढ़ाना होगा. रोजगार से जुड़ें. किसी दूसरे मजहब के लोगों को भी तकलीफ देना इस्लाम नहीं सिखाता जाति बिरादरी और मसलक में बंटने का नाम इस्लाम नहीं है.

आदर्श बनें. इमारते शरीया के मुफ्ती सोहैल अहमद नदवी ने भी दहेज को लानत कहा. बात बात में तलाक को गलत करार दिया. ओलेमा और जिम्मेदार लोग सक्रिय रहें तो तलाक की नौबत नहीं आयेगी.  समस्या का निदान हो जाएगा. लोगों से सभी ने दहेज मुक्त व कम से कम खर्च में शादी करवाने का संकल्प लिया.


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