प्रसिद्ध सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन देश की सबसे सफल महिला उद्यमियों में गिनी जाती हैंद्ध उनकी कंपनी शहनाज हुसैन हर्बल्स सारी दुनियॉ में हर्बल उत्पाद बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
देश और दुनियॉ में अपनी छाप छोडऩे वाली सौंदर्य जगत की शान शहनाज हुसैन के लिए यहां तक पहुंचने के रास्ते आसान न थे। बेहद लंबा और कठिन सफर तय कर वे आज उस मुकाम पर पहुंची जहां सभी नहीं पहुंच पाते। शहनाज हुसैन की पैदाइश 1940 में हुई थी। उनका परिवार बेहद सभ्रांत और आर्थिक रूप से मजबूत था। कम ही लोग जानते होंगे कि वे भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन यू बेग की पुत्री हैं। उनके दादा हैदराबाद के मुख्य न्यायाधीश और नागपुर के गवर्नर थे। शहनाज की सगाई तब कर दी गई जब वे सिर्फ चौदह साल की थीं। इसके दो साल बाद यानी सोलह बरस की उम्र में उनकी शादी हो गई। एक साल बाद उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। यह वह उम्र थी जब लड़कियां कुछ करने और कुछ बनने के सपने देखती हैं। मगर शहनाज एक गृहस्थ महिला की जिंदगी में प्रवेश कर चुकी थीं। मगर जिनके मन में कुछ करने की धुन हो वे कहीं भी और कभी भी अपने काम को शुरू कर देते हैं। शहनाज भी इन्हीं लोगों में से थीं। उन्होंने सिर्फ एक हाउसवाइफ बनकर जिंदगी नहीं गुजारनी चाही। लंबी उम्र पड़ी थी उनके समाने। उन्होंने जब ब्यूटिशियन बनने की बात पति से कही तो शुरुआत में न-नुकुर के बाद वे पति और पिता दोनों ने उनका साथ देेने का फैसला किया। यहां से शहनाज ने अपने कदम बढ़ाने शुरू किए। उन्होंने दुनियॉ के कई बड़े-बड़े और नामी ब्यूटी संस्थानों में जाकर ट्रेनिंग ली।
दूसरों से अलग किया शहनाज हुसैन किसी भीड़ का हिस्सा नहीं बनीं। उन्होंने अपने नए रास्ते खोजे। ब्यूटी एक्सपर्ट बनने के बाद उन्होंने पाया कि आधुनिक सौंदर्य प्रसाधनो में आमतौर पर जिस तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है उनका त्वचा पर बुरा असर पडऩे का खतरा रहता है। इसी दिशा में काम करते हुए उन्होंने आयुर्वेद का अध्ययन किया। लगभग दस साल तक उन्होंने कई देशों के जाने-माने पॉर्लरों में प्राकृतिक सौंदर्य प्रणाली का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने साल 1977 में उन्होंने दिल्ली स्थित अपने घर से ‘शहनाज हुसैन हर्बल्स’ की शुरुआत की। यह उनकी दक्षता या मेहनत का फल कहें कि शुरुआत करते ही उन्हें इसका जबरदस्त नतीजा भी मिलने लगा।
उन्होंने बहुत-से उपचार किए। इसके बाद युवाओं को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली समस्या यानी मुहांसों के लिए बाजार में उत्पाद उतारे। त्वचा की अलग-अलग समस्याओं के लिए उन्होंने अलग-अलग तरह के उत्पाद पेश किए। कुछ वर्षों में ही उनके ये उत्पाद इतने अधिक पसंद किए जाने लगे कि देश ही नहीं बाहर भी बड़े स्टोर्स पर इनकी मांग बढऩे लगी। सौंदर्य विशेषज्ञों के एक वैश्विक सम्मेलन सिडेस्को में भारत की नुमाइंदगी भी की। जहां एक दिन के लिए इस सम्मलेन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने दुनियॉ भर का ध्यान आयुर्वेद की ओर खींचने की कोशिश की।
दुनियॉ में डंका अब दुनिया में उनके इन सौंदर्य उत्पादों का डंका बजने लगा था। शहनाज ने आगे कारोबार को और अधिक बढ़ाने के लिए फ्रेंचाइजी के तहत देश-विदेशों में अपने एक्सक्लूसिव स्टोर्स खोले।
सौंदर्य चिकित्सा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थानों की कमी को महसूस करते हुए उन्होंने ‘वूमेन्स वल्र्ड इंटरनेशनल’ संस्थान की शुरूआत की। इस संस्थान में सैलून प्रबंधन से लेकर व्यक्तित्व विकास और शारीरिक संरचना आदि सभी विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। जब महिला जगत में अपने किए कामों से उन्हें संतुष्टि मिलने लगी तो उन्होंने पुरुषों के लिए ‘मैन्स वल्र्ड इंटरनेशनल’ शुरू किया।
सम्मान और पुरस्कार शहनाज हुसैन को आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई देशों में सम्मानित किया गया है। सरकार द्वारा उन्हें राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार से नवाजा गया। ‘वीमेन ऑफ द डिकेड’ अवार्ड 1983, ‘इमेज इंडिया’ अवार्ड 1985, फिक्की ‘आउटस्टैंडिंग वीमेन ऑफ द ईयर’ अवार्ड 1986 में से सम्मानित किया जा चुका है।
इनके अलावा ब्रिटेन में ‘लायड्स टीएसबी जेवेल’ अवॉर्ड, अमेरिका में ”लियानार्दो द विंची डायमंड’, ‘द आर्क ऑफ यूरोप गोल्ड स्टार फॉर क्वालिटी’ अवार्ड, जेनेवा में ‘इंटरनेशनल स्टार अवॉर्ड’, ”वन ऑफ द लीडिंग वीमेन आंत्रप्रिन्योर्स ऑफ द वल्र्ड’, ‘द 2000 मिलेनियम मेडल ऑफ ऑनर’ सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।
सन्देश- ‘कभी हार मत मानो। अपने आप पर, अपने सपनों में विश्वास करो’ -शहनाज हुसैन