By: दीपक दुआ
लंदन में बेकर स्ट्रीट में स्थापित मैडम तुसाद का पहला संग्रहालय मोम की मूर्तियों का संग्रहालय हैं। इसकी स्थापना 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ने की थी।
इसमें अनेक भारतीयों के पुतले भी बनाए गए हैं। नरेंद्र मोदी, डेविड कैमरून, बराक ओबामा के मध्य नरेंद्र मोदी की मोम की प्रतिमा स्थापित की गई है।
इनमें, महात्मा गांधी, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, रजनीकांत, वरुण धवन
विराट कोहली की मूर्तियां भी वहां स्थापित हैं।
मैडम तुसाद का पहला म्यूजियम 200 साल पहले 1835 में लंदन की बनाया गया था। आज पूरी दुनियॉ के 23 देशों में मैडम तुसाद म्यूजियम की चेन हैं। जिनमें अब दिल्ली भी शामिल हो गया है।
मोम से बने पुतलों को देखने के लिए जयपुर के नाहरगढ़ किले में करीब साल भर पहले ‘जयपुर वैक्स म्यूजियम’ और ‘शीश महल’ जैसी दो ऐसी शानदार चीजों की शुरूआत हुई है जिसे देखे बिना अब जयपुर की सैर अधूरी कही जा सकती है। कुल 32 पुतले हैं यहां। कुछ मोम तो कुछ सिलिकॉन से बनाए गए हैं । इस संग्रहालय से जुड़ी अनोखी बात है यहां की अंदरूनी बनावट जिसे देख कर आप जिसका पुतला आप देख रहे होते हैं उस व्यक्ति के समय में जा पहुंचते हैं ।
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम,महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, शहीद भगत सिंह,
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला, अमिताभ बच्चन, बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल, बॉक्सर मैरी कॉम, अभिनेता जैकी चान के अलावा मदर टेरेसा, दलाई लामा, माइकल जैक्सन, स्पाइडर मैन और आयरन मैन के पुतले भी यहां मौजूद हैं। राजपूताना के गौरवशाली अतीत को इसके वर्तमान से जोड़ते सवाई जय सिंह, महाराणा प्रताप,
महारानी गायत्री देवी जैसे पुतलों के अलावा कई प्राचीन और दुर्लभ चीजों को भी यहां संजोया गया है। फिल्म इंडस्ट्री के कई नामी और सिद्धहस्त कारीगरों की बरसों की मेहनत से बने इस संग्रहालय के पुतलों को बनाने का काम कोलकाता के वरिष्ठ मूर्तिकार सुशांत रे ने किया है।