क्या यदि आपकी कलात्मक अभिव्यक्ति में आकर्षण है, भावनात्मक स्तर पर लोगों को बांध लेने की क्षमता है तो आप अभिनय को अपना कॅरियर बना सकती हैं। ऐक्टिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रवेश का कोई एक रास्ता उस दुनियॉ को जाता हो। आपने बॉलीवुड के ऐसे बहुत-से सफल हीरो-हीरोइनों और कलाकारों की कहानियों के बारे में सुना-पढ़ा होगा जो बिना किसी डिग्री,डिप्लोमा, अनुभव और तैयारी के ही इस क्षेत्र में आ पहुचे। किस्मत कहें या इत्तेफाक उन्हें ऐसे अवसर खुद-ब-खुद मिलते गए।
वहीं दूसरी तरफ हम सब जानते हैं कि सैकड़ों युवक-युवतियां आए दिन मुंबई की फिल्म नगरी में अपने सपनों को लेकर एक छोटे-से चांस की तलाश में रहते हैं। ऐक्टिंग में आप मॉडलिंग के रास्ते से भी प्रवेश कर सकती हैं तो वहीं थियेटर का भी रास्ता फिल्मों की तरफ ही जाता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस रास्ते का चुनाव करना चाहती हैं। यहां धैर्य और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। आप कामयाब हो सकती हैं बशर्ते आपमें वह टैलेंट होना जरूरी है। किस्मत के भरोसे रहकर यहां कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। फिल्मी कलाकारों के बच्चों के लिए बेशक यहां के रास्ते उतने मुश्किल न हों लेकिन आपको पूरी तैयारी के साथ इस मैदान में उतना होगा।
इसके लिए किसी एक्टिंग स्कूल या संस्थान में किसी कोर्स में दाखिला लेकर एक्टिंग की बारीकियां सीखनी होंगी। ओम पुरी, नसीरूद्दीन शाह, नवाजुददीन सिद्दिकी, इरफान खान, अनुपम खेर, पीयूष मिश्रा, नीना गुप्ता, सीमा बिस्वास, रघुबीर यादव, पंकज कपूर, राज बब्बर, आशुतोष राणा आदि सरीखे कलाकारों ने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग की पढ़ाई की थी। इसलिए उनका अभिनय इतना मंझा हुआ दिखाई देता है। आप इस क्षेत्र में जाने के लिए गंभीर हैं तो सबसे पहले किसी अच्छे और विश्वसनीय संस्थान में दाखिला लेना होगा। ऐसे संस्थानों से सावधान रहना होगा जो मोटी फीस लेकर धोखाधड़ी करते हैं।
पाठ्यक्रम एक्टिंग में कई तरह के लॉंग और शॉर्ट टर्म कोर्स करवाए जाते हैं। जिनमें डिग्री, शॉर्ट टर्म, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स आदि शामिल हैं।
अवसर अभिनेत्री, सह-अभिनेत्री, क्राउड आर्टिस्ट, खलनायक, सह खलनायक आदि। फिल्म और टीवी, म्यूजिक अलबम, शॉर्ट्स फिल्म आदि में काम के अवसर।
कुछ संस्थान › राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, मंडी हाउस, नई दिल्ली।