गायकी की दुनियॉ में करें नाम रोशन
By: Team digitalnaari
गीत-संगीत ने समाज पर अपनी अनूठी छाप छोड़ी है। लोग इसे अपने कॅरियर के रूप में अपनाते हैं। आप भी संगीत के प्रति गंभीर हैं तो नाम और दाम दोनों कमा सकती हैं। पहले की तुलना में आज यह काफी आसान हो गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए आप खुद को दुनियॉभर में मशहूर कर सकती हैं। साथ ही टेलीविजन पर आने वाले सिंगिंग रिएलिटी शोज नए उभरते टैलेंट को हाथों हाथ ले रहे हैं।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर, शमशाद बेगम, आशा भोंसले, अलका याज्ञनिक, अनुराधा पौडवाल, कविता कृष्णामूर्ति, गीता दत्त, साधना सरगम ईला अरुण, ऊषा उधुप, फाल्गुनी पाठक, नेहा कक्कड़ सरीखे कितने ही गायकों की आवाजें हमारे दिलो दिमाग पर छाई रहती हैं। इनमें से अधिकांश ने फिल्मों के लिए पाश्र्व गायन किया है। वहीं ऐसे भी अनेक नाम हैं जो शास्त्रीय संगीत के कोहेनूर कहलाते हैं। अगर आप भी इनके साथ गुनगुनाती हैं और दिल में कहीं गायक बनने की कसक है तो देर न करें…
गीत की दो मुख्य शाखाएं होती हैं। वोकल यानी कंठ संगीत और इंस्ट्रूमेंट यानी वाद्य संगीत। वोकल संगीतकार के रूप में आप शास्त्रीय और लाइट म्यूजिक में परापरंगत हो सकते हैं। फिल्मी संगीत, आधुनिक संगीत और वैस्टर्न म्यूजिक जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं। संगीत सीखने के लिए धौर्य और समपर्ण की जरूरत होती है। प्रोफेशनल रूप से वोकलिस्ट या इंस्ट्रूमेंट बनने के लिए उचित प्रशिक्षण और नियमित रियाज की आवश्यकता होती है। अगर आप इसे रोजगार के रूप में अपनाना चाहते हैं तो बहुत स्कोप है। इस क्षेत्र में नौकरियों की भी अपार संभावनाए हैं।
पार्श्व गायकी
पार्श्व गायक यानी प्लेबैक सिंगर टीवी, फिल्म के लिए गाने गाते हैं। म्यूजिक वीडियो के विकल्प भी उपलब्ध हैं। रेडियों आदि पर कार्यक्रम कर सकती हैं। अगर रॉक या पॉप गायिकी में महारथ हासिल कर ली है तो अपना म्यूजिक बैंड भी बना सकती हैं।
म्यूजिक डायरेक्टर
एक संगीत निर्देशक फिल्म, टीवी और थियेटर के लिए बैकग्रांउड संगीत तैयार करते हैं।
गीतकार
आपको संगीत का ज्ञान है तो आप गीतकार भी बन सकती हैं। फिल्म, टीवी, थियेटर के लिए गाने लिख सकती हैं। विज्ञापन जिंगल्स तैयार कर सकती हैं। गानों की धुनें भी बना सकते हैं।
म्यूजिक टीचर
स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालयों और संगीत केंद्रों में संगीत सिखाने के लिए अध्यापक नियुक्ति किए जाते हैं। यहां बतौर संगीत शिक्षक के रूप में गायकी में कॅरियर बनाया जा सकता है। संगीत में पारंगत होने के बाद आप अपना संगीत स्कूल और इंस्टीट्यूट भी खोल सकती हैं। जहां बच्चों को संगीत सिखा सकती हैं। साथ ही अपना यूट्यूट चैनल बनाकर ऑनलाइन भी संगीत सिखा सकती हैं।
बहुत-से मशहूर गायक और गायिकाएं ऐसी हैं जिन्होंने संगीत की कोई विधिवत शिक्षा हासिल नहीं की थी। मगर अपने अथक प्रयासों और लगन से वे इसमें महारथ प्राप्त करते गए। अगर आपमें भी गायकी की रुचि है तो आप दसवीं, बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद संगीत में सर्टिफिकेट, डिप्लोना कोर्स या डिग्री हासिल कर सकती हैं। आप अपने घर के आसपास किसी म्यूजिक स्कूल या म्यूजिक टीचर से भी संगीत की शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं।
कुछ संस्थान
› संगीत रिसर्च अकादमी, कोलकाता।
› इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, राजनंदगांव, छत्तीसगढ़।
› बनस्थली विद्यापीठ, जयपुर।
› संगीत निकेतन, दिल्ली।
› दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।