नई दिल्ली, 25 अक्टूबर, 2017, हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए आए दिन सरकार और लोगों द्वारा कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं। हिंदी पखवाड़ा या हिंदी दिवस के अवसर पर हम सब हिंदी के महत्त्व को जानते और समझते हैं। दिल्ली सरकार ने भी विद्यार्थियों और शिक्षकों में हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए हिंदी रचना प्रतियोगिता-2017 का उद्घाटन किया। दिल्ली सरकार में उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और हिंदी अकादमी की उपाध्यक्षा मैत्रेयी पुष्पा ने राजकीय सर्वोदय विद्यालय जो लोधी कॉलोनी के अलीगंज में स्थित, इस प्रतियोगिता का परदा उठाया।
उप-मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ये प्रतियोगिता समाज और शिक्षा के लिए एक चिंतन यज्ञ है। इसमें कितने बच्चे और शिक्षक शामिल होते हैं, इस प्रतियोगिता की सफलता इस बात पर निर्भऱ है ।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हिंदी की उपयोगिता पर जोर डालते हुए कहा कि हिंदी विषय के माध्यम से हम साहित्य पढ़ाने की कोशिश करते हैं। विज्ञान-गणित आदमी को विशेषज्ञ बनाता है। जबकि साहित्य इंसान को सजग बनाता है। दूसरों की जिंदगी में उजाला कैसे लाया जा सकता है ऐसे गुण आपको साहित्य के जरिए ही सीखने को मिलेंगे। इस प्रतियोगिता मकसद यही है कि हिंदी को माध्यम बनाकर हम समाज में सजगता ला सकें।
हिंदी अकादमी द्वारा, हिंदी रचना प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कक्षा छठी से कक्षा आइवीं तक के विद्यर्थियों के लिए लेखन के लिए एक विषय- रखा गया है। यह विषय है-मेरा विद्यालय, मेरी शिक्षा। इस विषय पर बच्चों को कहानियां व कविताएं लिखनी होंगी। इसी तरह कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए विषय है- हमारे विद्यालय और शिक्षा का बदलता स्वरूप। इसी विषय पर बच्चे कविता, कहानी और नाटक लिख सकते हैं।
बच्चों के लिए ही नहीं शिक्षकों के लिए भी एक विषय रखा गया है। यह विषय है- सरकारी विद्यालयों में आ रहे बदलाव और शिक्षा की बढ़ती गुणवत्ता।
इस विषय पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक कविता, नाटक और कहानी किसी भी विधा में अपनी लेखन और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर पाएंगे।
इन बच्चों और शिक्षकों को दिल्ली सरकार की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा। इन पुरस्कारों की राशि 6,000 से 50,000 रुपए तक है।
