मशहूर पंजाबी गायक गुरदास मान की म्यूजिक अलबम ‘पंजाब’ का तीसरा गाना जिसके बोल हैं – ‘मितर पियारे नूं’ रिलीज़ हो चुका है और संगीत प्रेमी इस गीत को खूब पसंद कर रहे हैं.
यह एक बहुत ही खूबसूरत शबद है जो दसम ग्रंथ साहिब में है. इसे गुरू गोबिंद सिंह ने चमकौर की लड़ाई में अपने बेटों के कुर्बान हो जाने के बाद ठंडी रात में गाया था. इसमें वो परमात्मा को संबोधित कर रहे थे. कैसे इंसान ने धर्म और पूर्वाग्रह में अंधा होकर दूसरे इंसानों का ख़ून बहाया है. निर्दोष हंसते खेलते लोगों को जिंदा जला दिया. बच्चों, मांओं की चीख़ों का उस पर कोई असर नहीं हुआ. इससे पहले फरवरी में गुरदास मान जी का ‘पंजाब’ शीर्षक वाला गाना आया था जिसे लोगों ने काफी सराहा.
गुरदास मान का कहना है कि, ‘मैं आज जो कुछ भी हूं वो अपनी मातृभूमि पंजाब और यहां के लोगों की वजह से हूं। मुझे दुनिया भर के पंजाबियों से बेइंतहां प्यार और सम्मान मिला है और एक कलाकार होने के नाते यह मेरा दायित्व है कि मैं अपनी धरती पंजाब को अपनी हैसियत के हिसाब से कुछ लौटाऊं।’ पंजाबी बोल वाले ‘मितर पियारे नूं’ का मतलब “तुम्हारे बिना ओढ़ने की आलीशान कंबलें हमारे लिए रोग बराबर हैं”