Women self-help group empowering women and improving their livelihoods

क्या होते हैं महिला स्वयं सहायता समूह

By: Team

सारी दुनिया में महिलाओं के इन स्वयं सहायता समूहों को गरीबी से लडऩे के लिए सबसे आशाजनक समझा जा रहा है। भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा ये समूह महिलाओं से जुड़े हुए हैं। भारत सरकार ने 2019-20 के बजट में इन समूहों को बढ़ावा देने और देश की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए इन समूहों को दिए जाने वाले ब्याज सब्सिडी कार्यक्रमों का सभी जिलों में विस्तार करने का फैसला लिया।

स्वयं सहायता समूह महिलाओं को उनके कौशल और आत्मविश्वास का निर्माण कर आत्मनिर्भर बनाने का काम करते हैं। महिला स्वयं सहायता समूह यानी सेल्फ हेल्प ग्रुप  (WSHGs), आपस में एक जैसे सूक्ष्म उद्मियों का ऐसा समूह होता है जो महिलाओं को सशक्त बनाते हैं। उन्हें अपनी आय बढ़ाने और बचत के लिए सहयोग करते हैं। गु्रप की सभी सदस्य अपनी बचत को समूह के सम्मिलित फंड में शामिल करती हैं और इस धन को समूह की सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोग जरूरतों के लिए तय ब्याज, अवधि आदि पर जाता है। दूसरे शब्दों में ये समूह महिलाओं को आॢथक और सामाजिक समर्थन दोनों प्रदान करते हैं। महिलाओं में जागरूकता लाते हैं। इससे उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं जो चार दीवारी के अंदर रहती हैं उनमें समूहों में जुडऩे के बाद आत्मविश्वास पैदा होता है। एक ग्रुप के रूप में वे अपने काम को बढ़ाने के लिए बैंक से भी कम ब्याज पर लोन ले पाती हैं। समूहों के सदस्यों के लिए अन्य लाभों में स्वास्थ्य सेवाओं, श्रम-बचत उपकरणों और स्थानीय सरकारों तक इनपुट शामिल हैं।

अन्य लाभ
» समूह के सदस्य के रूप में काम करने के कारण महिलाओं की स्वयं निर्णय लेने की शक्ति का विकास होता है।
» बैंकों के साथ लेन-देन की प्रक्रिया को समझती हैं।
» समूह की गतिविधियों के संचालन में भाग लेने से आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे वे किसी भी बुराई के खिलाफ लड़ सकती हैं।
» गतिशीलता बढ़ती है। घर में रहने वाली महिलाएं समूह के संपर्क में अधिक सूचनाएं एवं संसाधन प्राप्त कर पाती हैं। यह सशक्त करता है।
» समूह की सदस्य के रूप में महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनती है। बच्चों को शिक्षित कर पाती है।
» अपनी सिलाई, कढ़ाई, अचार-पापड़ आदि बनाने जैसे प्रतिभा को समूह के माध्यम से बड़े पैमाने पर विकसित कर धन कमा पाती है।
» इन महिलाओं को सरकारी व गैर सरकारी संगठनों के जरिए कौशल प्रशिक्षण देकर और अधिक दक्ष बनाया जाता है।
» बैंकों द्वारा इन समूहों को कम ब्याज पर लोन दिया जाता है।
» महिलाएं संगठित होकर एक-दूसरे का सहयोग करते हुए काम करती हैं।

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