क्रिएटिव हैं तो बन जाएं विज्ञापन लेखक
By: Team digitalnaari
विभिन्न उत्पाद बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेते हैं। इन विज्ञापनों के पीछे क्रिएटिव माइंड वाले लोग होते हैं।
हमारे देश में सैकड़ों विज्ञापन एजेंसियां मौजूद हैं। ये एजेंसियां रचनात्मक और नई सोच रखने वाले विज्ञापन लेखकों को मौके देती हैं।
ब्रेक के बाद…जब फिल्म, धारावाहि या समाचार बुलेटिन आदि के बीच ब्रेक लिया जाता है तो उस ब्रेक के दौरान क्या प्रस्तुत किया जाता है। इस दौरान पेश किए जाते हैं तरह-तरह के विज्ञापन। वस्तुओं को बेचने के लिए ऐसे लुभावने विज्ञापन जो ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित् करें। और देखने वाला उस वस्तु को खरीदने के लिए लालयित हो उठे। बहुत-से ऐसे विज्ञापन हैं जो लोगों को लंबे समय तक याद रहते हैं। दाग अच्छे हैं…आई एम कॉम्प्लॉन ब्यॉय…पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें, असली मसाले सच-सच, ये प्यास है बड़ी जैसे विज्ञापन की पंच लाइन तो अक्सर बहुत-से लोग अपनी बातचीत में भी इस्तेमाल करते हैं।
विज्ञापन लोगों के मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। उसे ऐसा विश्वास दिलाया जाता है कि अमुक वस्तु सबसे अधिक विश्वसनीय और सर्वोत्तम है जिसे न खरीदने पर उसका नुकसान हो सकता है। आपने विज्ञापनों में बड़े-बड़े फिल्मी और क्रिकेट स्टार्स को भी चीजों का प्रमोशन करते देखा होगा। ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि प्रोडक्ट के प्रति लोगों का विश्वास और अधिक बढ़े।
कुछ सेकंड के अंदर ही विज्ञापन को अपना प्रभाव छोडऩा होता है। इसलिए विज्ञापन लिखने वाला व्यक्ति बेहद क्रिएटिव मांइड वाला होता है। विज्ञापन दो तरह के होते हैं दृश्य और श्रव्य। दृश्य यानि टेलीविजन, थियेटर आदि में दिखाई देने वाले विज्ञापन और श्रव्य जो आप रेडियो आदि में सुनते हैं। तीसरे विज्ञापन अखबारों, पत्रिकाओं आदि में छपे हुए देखते हैं।
योग्यता
इस कॅरियर के लिए कल्पनाशीलता व दूसरों से अलग हटकर सोचने की क्षमता का गुण आवश्यक है। उसमें सृजन की क्षमता हो और वह कला, साहित्य और समाज की गहन और व्यापक जानकारी रखता हो। भाषा पर अच्छी पकड़ भी इस क्षेत्र में आवश्यक है। साथ ही एक विज्ञापन लेखक को विज्ञापन को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता होनी चाहिए।
वस्तु की गुणवत्ता, उपयोगिता और को विशिष्ठ शैली में लुभावने तरीके से प्रभावशाली शब्दों में लिखना। ताकि वह लोगों के दिमाग पर अमिट छाप छोड़ सके। विज्ञापन एसेंसियां पूरे देश में मौजूद हैं जो प्रशिक्षुओं को छह महीने से लेकर एक साल तक का प्रशिक्षण देकर एक कुशल विज्ञापन लेखक बनती हैं।
अवसर
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आप किसी विज्ञापन एजेंसी में सहायक विज्ञापन लेकर, विज्ञापन लेखक, विज्ञापन निरीक्षक, कला निर्देशक जैसे पदों पर रहकर काम कर सकती हैं। इसके अलावा टेलीविजन और फिल्मों के लिख भी लिखने के रास्ते खुले हुए हैं। विज्ञापन एजेंसियां अपने यहां विज्ञापन लेखकों की नियुक्तियां करती हैं। शुरुआत में आप 15 से 20 हजार प्रति माह तक वेतन पा सकते हैं। इसके बाद अपनी कार्यक्षमता और कार्यकुशलता और अनुभव के आधार धन कमा सकती हैं।
प्रशिक्षण देने वाले कुछ संस्थान
– विजन एडवर्टाइजिं एंड मार्केटिंग, मुंबई।
– एमेटी स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेश।
– राजेंद्र प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंसस्टडीज, मुंबई।
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन, नई दिल्ली।
– मुद्रा कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद।
– भारतीय पत्रकारिता विद्यापीठ, नई दिल्ली।
– वाईएमसीए, नई दिल्ली।
– कांट्रेक्ट एडवरटाइजिंग, मंबई।
– कंसेप्ट कम्युनिकशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंंबई।
– एड इंस्पेक्ट एडवरटाइजिंग, मुंबई।
– इम्पैक्अ एडवरटाइजिंग, एजेंन्सी, नई दिल्ली।
– अक्षरा एडवरटाइजिंग, नई दिल्ली।