अभिनय कॅरियर में कमी नहीं दाम और नाम की
By: zara
सिर्फ यहां की चकाचौंध और ग्लैमरस लाइफ देखकर इसकी ओर आकर्षित न हों। यहां अनेक ऐसे सफल कलाकार हैं जिनके पीछे संघर्ष की एक लंबी दास्तां है। यदि आपकी कलात्मक अभिव्यक्ति में आकर्षण है, भावनात्मक स्तर पर लोगों को बांध लेने की क्षमता है तो आप इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के बारे में सोच सकती हैं। लेकिन एकदम से छा जाने का ख्वाब न देखें। अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी निचले पायदान से शुरू करना पड़ सकता है।
मधुबाला, मीना कुमारी, वैजयंती माला, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, देवानंद, गुरु दत्त, राजकपूर और अनेक ऐसे तमाम लैजेंट्स के बिना आप हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की कल्पना करके देखिए। या लता मंगेशकर, आशा भोंसले के बिना हिंदी फिल्मी संगीत के बारे में सोचें। सब अधूरा ही लगेगा। यह फिल्मों का वह दौर था जब आज की तरह उस चमकीली दुनियॉ में इतनी अधिक आपाधापी नहीं थी। न ही स्टार बनने या काम पाने के लिए कला काट प्रतियोगिता। अनके ऐसे कलाकार हुए जो बिना किसी पूर्व योजना और एक्टिंग सीखे ही इस इंडस्ट्री में आ गए और एक नया इतिहास रच दिया।
आज के दौर में इस क्षेत्र में पैसे की भरमार है। कायामबी के साथ नाम और शौहरत तो यहां रातों-रात कदम चूमने आ जाती है। हमारे देश में लाखों युवक-युवतियां फिल्म और टेलिविजन का हिस्सा बनकर नाम कमाना चाहते हैं। मगर अनेक सही रास्ते का चुनाव नहीं कर पाते और हताश होकर मुंबई नगरी से लौट जाते हैं। ढेरों काम दिलाने के नाम पर ठगी का भी शिकार हो जाते हैं। इसलिए इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने का ख्वाब संजोना गलत नहीं मगर सही मार्ग का जानना महत्त्वपूर्ण है।
अपने भीतर की प्रतिभा को पहले खुद परख कर करेगे देंखें
अगर आपमें कुछ खास है तभी यहां कॅरियर के बारे में गंभीर हों। अन्यथा समय की बरबादी ही होगी। वैसे हमारे देश में टैलेंट की भरमार है, जरूरत है तो उन्हें सही समय पर सही मंच मिलना। आपमें दूसरों से कुछ होना चाहिए। आपना अपना कोई स्टाइल हो। एक्टिंग सीखने के लिए किसी संस्थान में दाखिला लेने के लिए आपको किसी भी स्ट्री में 12वीं पास होना आवश्यक है।
पाठ्यक्रम
एक्टिंग में दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन एक्टिंग कोर्स, तीन साल का डिप्लोमा इन एक्टिंग कोर्स, तीन वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमा कोर्स और एक्टिंग में अंशकालीन डिप्लोमा, छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स भी करवाया जाता है। समय-समय पर कई वर्कशाप्स भी कराए जाते हैं, जिनमें दिग्गज कलाकार एक्टिंग सें जुड़ी बारीकियां बच्चों को सिखाते हैं। एक्टिंग स्कूल या संस्थान के अलावा अभिनय सीखने के लिए थियेटर भी ज्वॉइन कर सकती हैं।
कैसे हो प्रवेश
आजकल आपने देखा होगा कि टेलीविजन पर कई रिएलिटी शो आते हैं। इन शोज में बच्चों को अपने भीतर के टैलेंट को दिखाने के लिए मंच प्रदान किया जाता है। जिन बच्चों में कुछ अद्भु होता है उन्हें मौका दिया जाता है। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉम पर अपनी प्रतिभा दिखाकर न सिर्फ आप आमलोगों के बीच मशहूर हो सकते हैं बल्कि फिल्मी दुनियॉ के निर्माता-निर्देशक, एक्टर किसी की भी नजर आप पर पड़ सकती है और आपको मौका मिल सकता है। अगर मॉडलिंग में मौका मिल जाता है तो एक्टिंग का सफर आपके लिए और आसान हो जाएगा। कोर्स करने के बाद सभी एक्टिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहें। लगातार खुद को अपडेट रखें और सीखती रहें। कोई प्लेटफॉर्म चुनें जहां अपनी प्रतिभा को सौम्य ढंग से पेश करती रहें। नाकामी मिलने पर हताश न हों अपने नए रास्ते तलाशें।
एक्टिंग सीखकर कहां-कहां अवसर
एक एक्टर वहीं नहीं होता जो फिल्म में नायक या नायिका की भूमिका निभाता है। फिल्म में ढेरों दिग्गज सह कलाकार होते हैं । इन सभी की दमादार एक्टिंग से कोई फिल्म सफल होती है। इनमें खलनायक, हास्य कलाकार, चरित्र भूमिका निभाने वाले कलाकार और अनेक कलाकार होते हैं। आपने देखा होगा कि किसी फिल्म में एक मिनट का कोई सशक्त कैरेक्टर भी दर्शकों के दिमाग में अमिट छाप छोड़ देता है।
कुछ संस्थान
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, मंडी हाउस, नई दिल्ली।
पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट।
एशियन अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलिविजन, सैक्टर 16 ए, नोएडा, उत्तर प्रदेश।
सत्यजीत रे फिल्म इंस्टीट्यूट, कोलकाता।
अनुपम खेर का एंक्टिंग स्कूल, एक्टर प्रिपेयर्स इंस्टीट्यूट, मुंंबई।
दिल्ली फिल्म इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली।
सुभाष घई की व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई।
भारतेंदू नाट्य अकादमी, लखनऊ।
पंजाबी विश्वविद्यालय , पटियाला, पंजाब।