ऐसे छपवाएं अपनी किताब/लेखन में ऐसे बनायें अपना करियर

how to publish a book step-by-step

अगर आप लिखती हैं और लेखन में अपना करियर बनाना चाहती हैं तो आप अपनी किताब छपवाने के बारे में भी ज़रूर सोचती होंगी.

जितने मशहूर महान लेखक हैं, जैसे खुशवंत सिंह, अनीता देसाई, अरुंधती रॉय, रस्किन बॉंड आदि। उनसे के समय में जाएं तो शेक्सपीयर, मंटो, मुंशी प्रेमचंद, रबिंद्रनाथ टैगोर, अमृता प्रीतम, महाश्वेतादेवी और न जाने कितने नाम जो लेखन की दुनियॉ में कयामत तक अमर हो गए हैं। आज भी अनेक लेखक हैं जो पाठकों को अपनी कलम के साथ बांधने की ताकत रखते हैं। चेतन भगत इनमें से एक नाम हैं। जिन्होंने छह किताबें लिखीं और सभी बेस्टसेलर्स रहीं।

एक लेखक चाहे वह नामी हो या साधारण यही चाहता है कि उसका लिखा हुआ दुनियाभर में लोग पढ़ें। मगर कुछ ही ऐसा करने में सफल हो पाते हैं। बहुत लोग कुछ न कुछ लिखते रहते हैं। बहुत-से सिर्फ अपनी संतुष्टि के लिए लिखते हैं और बहुत-से लिखते हैं ताकि किताब छपवा सकें। मगर कई बार उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाता क्योंकि किताब छपवाने के चरणबद्ध तरीके में वे कहीं न कहीं चूक जाते हैं। संभव है कि इस लेख से आपको अपनी किताब छपवाने में थोड़ी मदद मिल सके:

सोचकर लिखें
कलम उठाने से पहले यह देख लें कि जो आप लिख रहे हैं उसका उदे्दश्य क्या है। इसका अर्थ है कि लिखते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि जो लिखा जा रहा है उसे किबाब की शक्ल में बाजार में लाना है। आप जो कुछ लिख रहे हैं उसका मकसद साफ होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप किस पाठक वर्ग को, किस आयु वर्ग को और किसी विशेष क्षेत्र आदि के लोगों के लिए लिख रहे हैं इन सब बातों पर विचार करे ही लिखना शुरू करें। अव्यवस्थित न लिखें।

पेज दर पेज, चैप्टर दर चैप्टर करीने से लिखें जिसमें कोई फेरबदल करना हो तो आसानी से कर सकें। आपने जो लिखा है उसे पब्लिशर के यहां देने से पहले अपने मित्रों आदि से उसकी प्रतिक्रिया जरूर लें। अगर थोड़ा-बहुत फेरबदल आपको उचित लगे तो कर लें। किसी बड़े लेखक से संपर्क कर उनसे अपने लेखन पर एक नजर डालने का अनुरोध भी कर सकते हैं। अपनी पुस्तक का एक आकर्षक और सार्थक शीर्षक जरूर चुनें।

मंगल फॉन्ट में करें टाइप
अगर आप कागज पर लिखने के बाद उसे कंप्युटर पर टाइप कर रही हैं या फिर सीधे कंप्यूटर या लैपटॉप पर टाइप कर रही हैं तो फॉन्ट का ध्यान रखना चाहिए। यूनिकोड फॉन्ट में लिखा गया किसी भी कंप्यूटर और लैपटॉप या मोबाइल पर पढ़ा जा सकता है। क्योंकि मंगल फॉन्ट इन सभी उपकरणों में इनबिल्ट होता है। अगर कृति देव आदि में लिख लिया है तो उसे मंगल में कंवर्ट कर के ही पब्लिशिंग हाउस में भेजें।

सिनॉप्सेस हों कंपलीट
आमतौ पर किताब छपवाने की प्रक्रिया में पहला कदम यह होता है कि पब्लिशिंग हाउस से संपर्क करने पर वे लेखक से पहले सिनॉप्सिस और सैंपल चैप्टर की मांग करते हैं। इसके बाद इन्हें अपने निर्धारित पैनल के पास इसे भेजकर इसका रिव्यू करवाते हैं। इसके लिए पब्लिशिंग हाउस कुछ नामी लेखकों को हायर करते हैं। इसलिए सिनॉप्सिस जितनी अच्छी होगी, लेखक का आकलन उतना ही अच्छा होगा। उसमें प्रूफ रीडिंग की गलतियां नहीं होनी चाहिए. इसका गलत इम्प्रेशन पड़ता है।

सिनाप्सेस हाथ से लिखक कभी न भेजें। इसे ए4 साइज के सफेद कागज पर टाइप करके भेजें। सिनाप्सेस की मांग की गई है तो पब्लिशिंग हाउस को इसे देने में लंबा समय न लगाएं। इन्हें पहले से बनाकर तैयार रखें। सिनाप्सेस पर हां की मुहर लगने के बाद ही किताब को छापने और उसके दाम तय करने का सिलसिला शुरू होता है।
कमाई
हर छपी हुई किताब की कीमत का 10  से 15 फीसदी पैसा उस किताब के लेखक को जाता है। किताब छपवाने से पहले लेखक के सामने प्रकाशक द्वारा दो विकल्प रखे जाते हैं। पहला- किताब के सभी अधिकार प्रकाशक को देने के लिए एकमुश्त रकम लेखक को दे देना औ दूसरा जीवनभर किताब की रायल्टी लेते रहना।

आपको खुद जाना होगा प्रकाशकों के पास
आपने अपनी तरफ से किताब के लिए लेखन कार्य पूरा कर लिया है। इसके बाद आपको ही पहल करे प्रकाशकों के दफ्तरों जाकर अपनी किताब के बारे में बताना होगा। किसी एक ही जगह एक समय में कई प्रकाशकों से बात करते रहना चाहिए। क्योंकि बहुत-से प्रकाशक आपको हां या न में जवाब देने में कई-कई महीने लगा देते हैं। ऐसे में कई प्रकाशकों के संपर्क में रहने का फायदा यह होगा कि जहां आपकी बात सबसे पहले बन जाए वहीं किताब छपवा लें।

बाकी प्रकाशकों को इसके बारे में सूचित अवश्य कर दें। उनकी जवाब आने तक इंतजार न करते रहें। क्योंकि संभव हो कि आपको अगली बार फिर उसी प्रकाशक के पास अपनी दूसरी किताब के लिए जाना पड़ जाए तो वह आपक ो गैरजिम्मेदार व्यक्ति नहीं समझेगा।

अंग्रजी और हिंदी भाषा के कुछ प्रकाशक
» हार्पर कॉलिंग इंडिया,  नोएडा, उत्तर प्रदेश।
» पेंगुइन इंडिया,  पंचशील पार्क, नई दिल्ली।
» रोली बुक्स, ग्रेटर कैलाश-2 मार्केट, नई दिल्ली।
» पिकाडोर इंडिया ( मैकमिलन पब्लिशर्स लिमिटेड),  अंसारी रोड, दरियागंज नई दिल्ली।
» जैको पब्लिशिंग हाउस,  अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली।
» रूपा पब्लिकेंशन, गुलमोहर हाउस,युसुफ सराए कम्युनिटी सेंटर, नई दिल्ली।
» राजकमल प्रकाशन, नेताजी सुभाष मार्ग, दरियागंज, नई दिल्ली।
» प्रभात प्रकाशन, आसफ अली रोड, दरियागंज,नई दिल्ली।
» भारतीय ज्ञानपीठ, इंस्टिट्यूशनल ऐरिया, लोदी रोड़, नई दिल्ली।
» वाणी प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली।
» राजपाल एंड संस, कश्मीरी गेट, दिल्ली।

» हिन्द पॉकेट बुक्स
» महावीर पब्लिशर्स, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली।
» जुबान बुक्स, शाहपुर जाट, नई दिल्ली
» सृष्टी पब्लिेकशन, सीआर पार्क,नई दिल्ली।

-featured photo courtesy to Merphy Napier youtube channel

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