By: Team digital
दिल्ली स्थित पंजाबी अकादमी और भाई सिंह साहित्य सदन की जुगलबंदी यानी सहयोग से आयोजित होने वाली श्रृंखला के अंतर्गत रू-ब-रू प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में मशहूर लेखक ओम प्रकाश गासो और व्यंगकार के. एल. गर्ग को विशेषतौर पर बुलाया गया था। पंजाबी अकादमी के सचिव गुरभेज सिंह गुराया ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि पंजाबी अकादमी की कोशिश हमेशा यही रहती है कि हम अपने श्रोताओं और विधार्थियों से साहित्यकारों से जान-पहचान करवाएं। जो अपने जीवन में बेहद कामयाबी और प्रसिद्ध रहे हों। जो श्रोताओं के बीच जिज्ञासा पैदा जगा सकें। अकादमी ने अपने बुजुुर्ग लेखकों को आज की नई पीढ़ी से रुबरु करवाने के लिए इन दोनों मशहूर हस्तियों को कार्यक्रम में आमंत्रित कियया था।
लेखक ओम प्रकाश 85 वर्षीय हैं। वे अब तक 80 किताबें लिख चुके हैं। वहीं के. एल. गर्ग की 74 वर्ष के हैं। वे एक मशहूर व्यंकार हैं। इन्होंने 75 के आसपास पुस्तकें अब तक लिखी हैं। के एल गर्ग ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि किस तरह उनके बचपन के कुछ कड़वे अनुभवों ने उन्हें एक लेखक बना दिया। साथ ही उन्होंने नई पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि लेखक बनने के लिए बहुत मेहनत और संघर्ष की जरूरत होती है। आपमें धैर्य नहीं है तो आप लेखक नहीं बन सकते। ओम प्रकाश गासो ने भी अपने अनुभव बांटें। उन्होंने नई और पुरानी दोनों पीढिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि जो आदमी किसी की इज्जत नहीं करता वह खुद बेइज्जत रहता है।
इस कार्यक्रम में डॉ. रधुवीर सिंह,कहानीकार नक्षत्तर सिंह, नाटककार वरयाम मस्त, गुरजीत कौर, डॉ वनीता, डॉ. एन. आर. गोयल, सुभाष नीरव, डॉ. हरचरण कौर, अडॉ परमजीत कौर और व दिल्ली यूनिवर्सिटी के शोध के छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।