पंजाबी गीत और संगीत की धरोहर बहुत बड़ी है। ‘पंजाब का ‘परम्परागत संगीत उत्सव’ नाम से पंजाबी अकादमी, और दिल्ली सरकार के सहयोग से दो दिनों तक चलने वाले एक खूबसूरत कार्यक्रम का आयोजन 19 और 20 जुलाई को दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में किया गया. इस मौके पर गायिका मीता पंडित ने भीम पलासी राग से कार्यक्रम की रंगारंग शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने राग खमाज में टप्पा को सुनने वालों के सामने पेश किया। टप्पा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी एक अलग पहचान रखता है। मीता पंडित की प्रस्तुति के बाद बलवंत सिंह नामधारी ने अपने गायन से श्रोताओं को आनंदित किया।
इस संगीतमय मौके पर कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी उपस्थित रहे। इनके अलावा पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह, एवं अकादमी के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य कंचन भूपल, अमरजीत सिंह, डॉ. कमलजीत सिंह मौजूद रहे। दीप जला कर कार्यक्रम का आगज किया गया। उपाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह ने संगीत प्रेमियों को भरोसा दिलाया कि पंजाबी अकादमी अपनी मातृभाषा पंजाबी को घर-घर तक पहुंचाहने के लिए और हमेशा काम करती रहेगी ताकि पंजाबी भाषा को और अधिक पहचान मिले. मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार पंजाबी भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी. पंजाब का परम्परागत संगीत सुनकर एक अलग ही आनंद आता है. बड़ी संख्या में यहां पंजाबी संगीत को सुनने के लिए लोग आए थे।
इस संगीतमय मौके पर कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी उपस्थित रहे। इनके अलावा पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह, एवं अकादमी के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य कंचन भूपल, अमरजीत सिंह, डॉ. कमलजीत सिंह मौजूद रहे। दीप जला कर कार्यक्रम का आगज किया गया। उपाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह ने संगीत प्रेमियों को भरोसा दिलाया कि पंजाबी अकादमी अपनी मातृभाषा पंजाबी को घर-घर तक पहुंचाहने के लिए और हमेशा काम करती रहेगी ताकि पंजाबी भाषा को और अधिक पहचान मिले. मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार पंजाबी भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी. पंजाब का परम्परागत संगीत सुनकर एक अलग ही आनंद आता है. बड़ी संख्या में यहां पंजाबी संगीत को सुनने के लिए लोग आए थे।